Today I'll talk in our language that is HINDI . Today i have something to share with you all. As the title shows 'YOU CAN AND YOU WILL ' It means nothing is impossible for us . We can achieve anything what we have to do is just work and keep working , keep yourself busy . And trust me if we work for our dream , no doubt one day we'll achieve it.
Now come on the topic which i am going to tell you in hindi language .
1. अपना लक्ष्य अपने सामने रखे .
ये बात अध्ययन (studies) में सामने आई है कि जब आप किसी चीज़ को बार-बार देखते है तो वो चीज़ आपके अवचेतन (subcnscious) मन में गहराई से बैठ जाती है. ये एक जानी मानी तकनीक है अपने सपनो तक पहुचने की, मगर कई बार ऐसा भी होता है कि आप अपनी पूरी काबिलियत नहीं दिखा पाते. ऐसा इसलिए नहीं कि आप काबिल नहीं है या उतने स्मार्ट नहीं है बल्कि इसलिए क्योंकि आपने अपनी आंखो के सामने गलत चीज़ रखी है. कुछ ऐसा चुनिए जो आपके सपने से मेलखाता हो !
2. अपनी रेस खुद दौड़ो .
आपकी रोज़मर्रा की जिंदगी में ऐसे कई लोग होंगे जो आपकी जिंदगी को नियंत्रित करने की कोशश करते होंगे. उनका इरादा नेक हो सकता है मगर अपनी जिंदगी को नियंत्रित करने वाले सिर्फ आप होने चाहिए. आपको अपनी रेस खुद ही दौड़नी पड़ेगी. अगर आप अपनी सफलता की कहानी नहीं लिखेंगे तो कोई दूसरा लिख लेगा और फिर आपके लिए कुछ नहीं बचेगा. सबको खुश रखना नामुमकिन है, चाहे आप जो मर्ज़ी कर लीजिये, आप सबको खुश नहीं रख सकते. इस कोशिश में आप खुद को वो काम करते हुए पाएंगे जो आप नहीं करना चाहते या आपको नहीं करने चाहिए. अगर हर बार कोई ना कोई आपके काम में इतनी नुक्ताचीनी करने लगे कि आप वो काम करना ही छोड़ दो तो आप कभी भी कुछ नहीं कर पाओगे. क्योंकि हर कोई आपको उसकी जगह पर रखकर देखने की कोशिश करेगा मगर आप अपनी जगह पर कायम रहे क्योंकि अगर आप उनके हिसाब से चलना शुरू भी कर दे तो वही लोग फिर भी कुछ न कुछ कमी निकाल ही लेंगे.
3.अपने जीवन में अच्छी चीजों की उम्मीद कीजिये .
ये एक नियम है कि जब आप अपने लिए बेहतर चीजों की आशा करते है तो वो बेहतर चीज़े खुद-ब-खुद आपको मिलती है. लेकिन जब आप बार-बार निराशाजनक बाते सोचेंगे तो क्या होगा ?? ज़ाहिर है वही निराशा आपके जीवन में आएगी. क्योंकि आप जो सोचते है वही आपके साथ होता है. भगवान् हमेशा आपको वही देता है जिसका ख्याल आपके दिल में बना रहता है.
हर सुबह ये सोच कर उठिए कि ‘आज आपका दिन बहुत ही शानदार गुजरने वाला है. इस सोच के साथ दिन की शुरुवात करेंगे तो पायेंगे कि जो आपने सोचा था वही आपको मिल रहा है. अगर आप किसी परीक्षा के लिए जा रहे है तो उम्मीद कीजिये कि आप उसमे बहुत अच्छा करने वाले है. ऐसा सोचने से ना सिर्फ आपका हौसला बढेगा बल्कि आपमें एक नए उत्साह का संचार भी होगा जो आज से पहले कभी नहीं था. कुछ लोग हमेशा ही निराशा से घिरे रहते है. वे अपने बारे में कभी कुछ अच्छा सोच ही नहीं पाते.
4. हमेशा एक सकारातमक (positive) सोच रखे .
एक विजेता की सबसे बड़ी खूबी होती है उसकी सकारात्मक सोच. ऐसे लोग जब सुबह उठते है तो उम्मीद से भरे एक खुशनुमा दिन की कल्पना करते है. अपने हर सफल कार्य के पीछे उपरवाले का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते ऐसे लोग. और उनका यही आशावादी रवैया उनके हर दिन को बेहतर बनाता है.
अब ज़रा कल्पना कीजिये कि आप एक गाडी चला रहे है जिसका सारा नियंत्रण आपके हाथो में है. आप चाहे तो उसे आगे ले जाए या पीछे मगर उसके लिए ताकत बराबर ही लगेगी. है ना?? ठीक उसी तरह हमारी जिंदगी की गाडी भी चलती है. अब ये आपके हाथ में है कि आप उसे अपने सकारातमक विचारों से आगे बढाए या फिर नकारात्मक विचारों से भर कर कामयाबी की दौड़ में बहुत पीछे रह जाए.
5.अपना बेहतरीन देने की कोशिश करे.
एक एवरेज इंसान बनकर रहने के बजाये सबसे बेहतर बनने का प्रयास करे. एक आम इंसान बनकर रहना भूल जाए. आप आम जिंदगी जीने के लिए पैदा नहीं हुए है. हमेशा कोशिश करे कि आप अपना बेहतरीन दे. ये ज़रूरी नहीं कि हर बार अपने मकसद में आप सफल रहे फिर भी आपको तस्सली होगी कि आपने बेहतरीन करने की कोशिश की. अगर आपको एक मील दूर जाना है तो दो मील चलिए. जो आपसे उम्मीद है उससे बढ़कर कीजिये. इसके लिए आप अपने लक्ष्य को अपने सामने रख सकते है और फिर एक सकारात्मक रवैये के साथ अपनी जीत का विश्वास कीजिये. लेकिन जीत की दिशा में ये आपका पहला कदम ही होगा. आपका असली मकसद तो उसके बाद शुरू होगा. उन बातो को अमल में लाये जो आपको मंजिल तक पहुचने में मदद करेंगी. कोशिश कीजिये अपने रोजाना समय से 10 मिनट पहले उठने की, काम पर 5 मिनट पहले पहुचिये. 30 मिनट काम करने के बाद काम से थककर ना बैठे.
6. अपनी मजिल की तरफ बढ़ते रहे.
आप चाहे कितने भी माहिर और अनुभवी क्यों ना हो सीखना कभी मत छोडिये. क्योंकि सीखने का कोई अंत नहीं है. जीवन में इतना कुछ है सीखने के लिए कि आप जिंदगी भर भी सीखे तो कम है. कई लोग सोचते है कि एक बार स्कूल या कालेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उन्हें कुछ और सीखने की आवश्यकता नहीं है, कुछ नया पढने की ज़रुरत नहीं है. तो क्या आप जो कुछ भी सीखते है क्या वो सिर्फ स्कूल तक ही सिमित है ? नहीं ! बिलकुल नहीं. क्योंकि सीखना कभी नहीं ख़त्म होता. ऐसी कई चीज़े होंगी जो आपने अब तक नहीं सीखी होंगी. अगर आपमें कोई हुनर है तो उसे अभ्यास से और निखारिये. क्योंकि जब आप सीखना छोड़ देते है तो आप अपने हुनर को खोने लगते है जो भगवान् ने आपको आशीर्वाद स्वरूप दिया है. जीवन में हर चीज़ अभ्यास से ही सीखी जाती है. बार-बार अभ्यास कीजिये मगर रुकिए नहीं. अगर आपने अभ्यास करना छोड़ दिया तो जहाँ आप आज है अगले साल भी बस वही के वही रह जायंगे.
7. सेवा करे .
यदि आप नाखुश है तो कुछ अलग करने का प्रयास करे. हम नाखुश तभी होते है जब हमारा सारा ध्यान खुद पर और अपनी ज़रूरतों पर होता है. सिर्फ अपने पर फोकस करने के बजाये दुसरो की ज़रुरतो के बारे में भी सोचना चाहिए. हम सिर्फ लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए भी बने है.. कभी ऐसा भी होता है कि आपका कोई जानने वाला जिसकी सालो से आपसे बात नहीं हुई, एक दिन अचानक फोन पर आपसे मदद मांगता है. “तुम्हे तो बस ज़रुरत के वक्त ही मेरी याद आती है “ ऐसा कहने के बजाये ख़ुशी से अपने दोस्त की मदद करे. इसे उपरवाले की मर्जी समझिये कि आप दुसरो के काम आ रहे है. अब अगर भले ही बदले में आपको कुछ ना मिले, एक “शुक्रिया तक नहीं तो निराश ना हो. वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी “नेकी कर और दरिया में डाल दे”.
8. passionate रहे.
खुद से एक सवाल कीजिये “ क्या मै जीवित हूँ?” इस बात का मतलब सिर्फ जिंदा रहने और खाना खाने से नहीं है. इस बात को गहरे से सोच कर देखिये. आपके क्या लक्ष्य है ? आपने अब तक क्या हासिल किया ? जीवन के प्रति आपका क्या नजरिया है ? क्योंकि इन्ही सब बातो से निर्धारित होगा कि सही अर्थो में जिंदगी के मायने आखिर क्या है ?
भगवान् ने आखिर कुछ सोच कर ही हमें इस धरती पर भेजा है कि हम अपने जीवन में कुछ अर्थपूर्ण करे और तरक्की की राह में आगे बढे.
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7. सेवा करे .
यदि आप नाखुश है तो कुछ अलग करने का प्रयास करे. हम नाखुश तभी होते है जब हमारा सारा ध्यान खुद पर और अपनी ज़रूरतों पर होता है. सिर्फ अपने पर फोकस करने के बजाये दुसरो की ज़रुरतो के बारे में भी सोचना चाहिए. हम सिर्फ लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए भी बने है.. कभी ऐसा भी होता है कि आपका कोई जानने वाला जिसकी सालो से आपसे बात नहीं हुई, एक दिन अचानक फोन पर आपसे मदद मांगता है. “तुम्हे तो बस ज़रुरत के वक्त ही मेरी याद आती है “ ऐसा कहने के बजाये ख़ुशी से अपने दोस्त की मदद करे. इसे उपरवाले की मर्जी समझिये कि आप दुसरो के काम आ रहे है. अब अगर भले ही बदले में आपको कुछ ना मिले, एक “शुक्रिया तक नहीं तो निराश ना हो. वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी “नेकी कर और दरिया में डाल दे”.
8. passionate रहे.
खुद से एक सवाल कीजिये “ क्या मै जीवित हूँ?” इस बात का मतलब सिर्फ जिंदा रहने और खाना खाने से नहीं है. इस बात को गहरे से सोच कर देखिये. आपके क्या लक्ष्य है ? आपने अब तक क्या हासिल किया ? जीवन के प्रति आपका क्या नजरिया है ? क्योंकि इन्ही सब बातो से निर्धारित होगा कि सही अर्थो में जिंदगी के मायने आखिर क्या है ?
भगवान् ने आखिर कुछ सोच कर ही हमें इस धरती पर भेजा है कि हम अपने जीवन में कुछ अर्थपूर्ण करे और तरक्की की राह में आगे बढे.
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ReplyDeleteNice very nice
ReplyDeleteThanks
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